जम्मू कश्मीर में कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रही केंद्र सरकार ने अब एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के डीजीपी एस. पी. वैद्य को भी पद से हटा दिया गया है. इससे कुछ रोज पहले ही जम्मू कश्मीर में एन. एन. वोहरा की जगह सत्यपाल मलिक को राज्यपाल नियुक्त किया गया था. यह सभी फेरबदल राज्यपाल शासन वाले कश्मीर में बड़े सियासी संकेतों की ओर इशारा कर रहे हैं.
केंद्र और राज्य में बीजेपी की सत्ता के बावजूद भी जम्मू कश्मीर के हालात सुधर नहीं सके और यही वजह है कि मोदी सरकार घाटी में बड़े फेरबदल कर रही है. पीडीपी-बीजेपी सरकार गिरने के बाद राज्य में फिलहाल राज्यपाल शासन लगा हुआ है और वहां जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले राज्य में पंचायत चुनाव में कराए जाएंगे जिसे लेकर सभी राजनीतिक दलों में सहमति नहीं है. इसी घटनाक्रम को देखते हुए केंद्र सरकार घाटी में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.
आतंक पर नहीं लगी लगाम
घाटी में लगातार आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं और साथ ही पुलिसकर्मियों पर हमलों की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. बीते दिनों आतंकियों ने बकरीद के दिन घाटी में 3 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. इसके अलावा हाल ही में पुलिस कर्मियों के रिश्तेदारों को भी अगवा करने की घटना सामने आई थी. इन्हीं सब घटनाओं को डीजीपी एस. पी. वैद्य के तबादले की वजह माना जा रहा है. घाटी में जून महीने में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद भी कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे थे.
पंचायत चुनाव की चुनौती
राज्य में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले पंचायत और निगम चुनाव को लेकर भी प्रशासनिक फेरबदल किया गया है. हालांकि राज्य की दोनों पड़े दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने अनुच्छेद 35A का हवाला देते हुए इन चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है. नवनियुक्त राज्यपाल के सामने कश्मीर में शांतिपूर्ण पंचायच चुनाव कराने की चुनौती है. साथ ही नए डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी शांतिपूर्ण चुनाव को अपनी प्राथमिकता बताया है.
नाराज थी केंद्र सरकार?
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार डीजीपी वैद्य के कुछ फैसलों से नाराज बताई जा रही है. इनमें हाल का वो मामला भी शामिल है, जिसमें पुलिस ने आतंकी रियाज निक्कू के पिता को गिरफ्तार किया था और उसके बाद आतंकियों ने पुलिसवालों के रिश्तेदारों का अगवा कर लिया. सूत्रों का कहना है कि वैद्य इस मामले को सही तरीके से निपटाने में नाकाम साबित रहे. हालांकि गृह मंत्रालय तबादले को एक नियमित प्रक्रिया ही बता रहा है.
नए राज्यपाल के लिए नई टीम
जम्मू कश्मीर में नए राज्यपाल की नियुक्ति के साथ नई टीम बनाने की कवायद जारी है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र पहले ही 2 बार वैद्य को हटाना चाहता था लेकिन घाटी के हालात को देखते हुए यह फैसला नहीं हो सका. अब क्योंकि राज्य में नए राज्यपाल की नियुक्ति हुई है ऐसे में उन्हें नई टीम दी जा रही है. इसी कड़ी में बी श्रीनिवास को राज्य पुलिस का नया खुफिया प्रमुख नियुक्त किया गया. वह अब्दुल गनी मीर की जगह लेंगे जिनका पुलिस मुख्यालय में तबादला किया गया है.
There was no hurry to replace @spvaid. He should have been changed only when a permanent arrangement had been worked out. @JmuKmrPolice has enough problems without having to deal with confusion of leadership.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 6, 2018
केंद्र के इस फैसले पर सवाल भी उठ रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने डीजीपी वैद्य को हटाने के फैसले की आलोचना की है. इन सबके बावजूद एस. पी वैद्य का कार्यकाल अच्छा माना जा सकता है क्योंकि उन्हीं के समय घाटी में सबसे ज्यादा आतंकियों का सफाया करने वाला 'ऑपरेशन ऑलआउट' चलाया गया. साथ ही हाल के दिनों में वह राज्य के सबसे सफल डीजीपी रहे हैं.
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