महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि जब तक चीजें साफ नहीं हो जाती वो आगे इस बिल पर केंद्र सरकार का समर्थन नहीं करेंगे.
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'जो कोई असहमत होता है, वह देहद्रोही होता है, यह (बीजेपी) उनका भ्रम है. यह एक भ्रम है कि केवल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को देश की परवाह है. हमने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सुझाव दिया है. हम चाहते हैं कि इसे राज्यसभा में गंभीर से लिया जाए. ये शरणार्थी कहां रहेंगे? किस राज्य में रहेंगे? यह सब स्पष्ट किया जाना चाहिए.'
Maharashtra CM Uddhav Thackeray: We will not give support to the Bill (Citizenship Amendment Bill) unless things are clear. pic.twitter.com/v06hdA0W9O
— ANI (@ANI) December 10, 2019
उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'जब तक नागरिकता बिल पर चीजें साफ नहीं हो जातीं तब हम सपोर्ट नहीं करेंगे. गृह मंत्री ने सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की, जो मैंने सुना है. उन्होंने हालांकि हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया. जब तक हमें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल जाते, तब तक हम उन्हें राज्यसभा में समर्थन नहीं देंगे.'
असल में, आज सुबह शिवसेना सांसद संजय राउत ने ही इसका संकेत दे दिया था कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन नहीं करेगी.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने के बावजूद भी राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर हम अलग विचार कर सकते हैं. राज्यसभा में शिवसेना के तीन सदस्य हैं.
अगर शिवसेना नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ वोट करती है तो मोदी सरकार का राज्यसभा में नंबर गेम बिगड़ सकता है. फिलहाल, मोदी सरकार के सपोर्ट में 119 सदस्य हैं, जबकि विपक्ष में 100 सदस्य हैं. शिवसेना को जोड़ ले तो यह आंकड़ा 103 हो जाता है. 19 राज्यसभा सदस्यों का रुख साफ नहीं है.
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