केंद्र सरकार ने कहा है कि अफजल गुरु के परिवार को उसकी फांसी के बारे में सूचना दे दी गई थी. ये जानकारी स्पीड पोस्ट के जरिए दी गई थी.
केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने बताया कि अफजल के परिवार को सरकार के फैसले के बारे में बता दिया गया था कि उसकी दया याचिका ठुकरा दी गयी है. यह सूचना स्पीड पोस्ट के जरिए दी गयी थी. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने तीन फरवरी को गुरु की दया याचिका नामंजूर कर दी थी.
गृह मंत्री ने कहा, ‘मैंने सावधानीपूर्वक फाइल का अध्ययन किया और 21 जनवरी को राष्ट्रपति को अफजल की याचिका नामंजूर किए जाने की सिफारिश की.’ शिंद ने बताया, ‘चार फरवरी को मैंने फाइल पर अपने हस्ताक्षर किए और आगे की कार्रवाई के लिए फाइल को विभाग को भेज दिया. इसमें निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया और उसके बाद यह तय पाया गया कि फांसी नौ फरवरी को सुबह आठ बजे दी जाएगी.’
अफजल को फांसी दिए जाने में अपनायी गयी प्रक्रिया मुंबई हमलों के दोषी पाकिस्तानी नागरिक अजमल कसाब को पिछले वर्ष 21 नवंबर को पुणे की यरवदा जेल में दी गयी फांसी की याद दिलाती है. दस साल से मौत की सजा पाए अफजल को फांसी दिए जाने की प्रक्रिया को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था.
राजनीतिक दलों ने कानून द्वारा अपना काम किए जाने के फैसले का स्वागत किया लेकिन भाजपा ने फांसी में की गयी देरी पर सवाल उठाए.
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