भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को निराशा का माहौल रहा. इस वजह से सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिली. सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 560 अंक टूटकर 38 हजार 337 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी की बात करें तो 117.65 अंकों की गिरावट के साथ यह 11,420 के स्तर पर रह गया.
दो महीने का निचला स्तर
शेयर बाजार का यह स्तर दो महीने का निचला स्तर है. बाजार में इस गिरावट का झटका निवेशकों को भी लगा और एक दिन में उनके 2.09 लाख करोड़ रुपये डूब गए. दरअसल, गुरुवार को बीएसई पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,47,46,534.89 करोड़ रुपये था जो शुक्रवार को लुढ़क कर 1,45,37,286.35 करोड़ रुपये पर आ गया. इस लिहाज से सिर्फ एक दिन में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई है.
शुक्रवार को बाजार की चाल
किन शेयरों का क्या हाल
कारोबार के अंत में महिंद्रा और बजाज फाइनेंस के शेयर 4 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए. वहीं टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक और हीरो मोटोकॉर्प के शेयर भी 3 फीसदी से अधिक लुढ़क गए. यस बैंक के लिए शुक्रवार का दिन भी निराश करने वाला रहा.
यस बैंक के लिए एक और बुरा दिन
वहीं यस बैंक के शेयर करीब 3 फीसदी तक टूटे. कारोबार के अंत में यस बैंक के शेयर 83.25 रुपये के भाव पर रहे. बुधवार को खराब तिमाही नतीजों के बाद से यस बैंक के शेयर में 16 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. यस बैंक के अलावा बजाज ऑटो, कोटक बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, मारुति, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, आईटीसी, एलएंडटी और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी लाल निशान पर बंद हुए.
बाजार में गिरावट की बड़ी वजह
शेयर बाजार में गिरावट की मुख्य वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के सरचार्ज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान है. दरअसल, गुरुवार को निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि एफपीआई को सरचार्ज पर किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी. बता दें कि बजट में वित्त मंत्री ने सालाना 2 से 5 करोड़ की आमदनी पर इनकम टैक्स के अलावा, सरचार्ज 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी और 5 करोड़ से अधिक की आमदनी पर 37 फीसदी कर दिया था. इससे दोनों ग्रुप पर कुल टैक्स बढ़कर क्रमश: 39 फीसदी और 42.74 फीसदी हो गया था.
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