पति-पत्नी, मां-बेटा, पिता-पुत्र... इस बार लोकसभा में परिवार ही परिवार!
अमित दुबे
30 May 2019
![पति-पत्नी, मां-बेटा, पिता-पुत्र... इस बार लोकसभा में परिवार ही परिवार!]()
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लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं और अब देश की जनता अपने सांसदों की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही है. क्योंकि अब नेताओं की बारी है, जनता से किए वादे पूरे करने की. दरअसल, इस बार 542 सांसद चुनकर संसद पहुंचे हैं. इन सांसदों में कई नए चेहरे हैं, जो पहली बार जनता की आवाज बनकर लोकतंत्र के मंदिर में पहुंचे हैं.
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वैसे तो परिवारवाद भारतीय राजनीति की पहचान बन चुकी है. भले ही कुछ लोग इसकी आलोचना करते हों लेकिन एक ही परिवार के दो सदस्य अगर संसद की दहलीज तक पहुंचते हैं तो उन्हें जनता ही चुनकर भेजती है. इसलिए जनता का फैसला हमेशा सर्वमान्य है और भविष्य में भी रहेगा.
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इसी कड़ी में आज हम आपको बताते हैं कि इस बार संसद में एक ही परिवार से कितने लोग पहुंचे हैं. खासकर ऐसे रिश्तेदार जो एक ही परिवार से हैं. संसद में इस बार पति-पत्नी, पिता-पुत्र, मां-बेटे, चाचा-भतीजे की कई जोड़ियां पहुंची हैं.
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सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर (पति-पत्नी)
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पंजाब के फिरोजपुर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं. जबकि उनकी पत्नी हरसिमरत कौर को बठिंडा की जनता ने संसद भेजा है. यानी इस बार दोनों पति-पत्नी संसद में साथ नजर आएंगे. इससे पहले साल 2014 में हरसिमरत कौर बठिंडा से ही जीतकर संसद पहुंची थीं और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहीं.
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मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (पिता-पुत्र)
मुलायम सिंह यादव एक बार फिर उत्तर प्रदेश की मैनपुरी से चुनकर संसद पहुंचे हैं. जबकि इस बार अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनावी मैदान में थे और जनता ने उन्हें संसद भेज दिया है. यानी इस बार दोनों पिता-पुत्र लोकसभा में साथ नजर आएंगे.
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सोनिया गांधी और राहुल गांधी (मां-बेटा)
यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी फिर रायबरेली की जनता के आशीर्वाद से संसद पहुंची हैं. जबकि राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से जीतकर पहुंचे हैं. इससे पहले राहुल गांधी कांग्रेस की पारंपरिक सीट अमेठी से जीतकर संसद पहुंचते थे. लेकिन इस बार बीजेपी की स्मृति ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी की जीत का रथ रोक दिया. लेकिन वायनाड से जीत मिली है, इसलिए एक बार फिर मां-बेटे दोनों संसद में साथ दिखेंगे.
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मेनका गांधी और वरुण गांधी (मां-बेटा)
उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर संसदीय सीट से जीतकर गांधी परिवार की दूसरी बहू मेनका गांधी संसद पहुंची हैं. वहीं उनके बेटे वरुण गांधी पीलीभीत की जनता के आशीर्वाद से संसद पहुंचे हैं. 2014 में भी दोनों मां-बेटे ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी और संसद में नजर आए थे. हालांकि पिछली बार मेनका गांधी ने पीलीभीत से और वरुण गांधी ने सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव की बाजी मारी थी.
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हेमा मालिनी और सनी देओल (मां-बेटा)
अभिनेत्री से नेता बनीं हेमा मालिनी एक बार फिर मथुरा से जीतकर संसद पहुंची हैं. जबकि सनी देओल पहली बार पंजाब की गुरदासपुर सीट से चुनावी मैदान में थे, जिन्हें जनता ने संसद भेजा है. देश की जनता की नजर इन दोनों मां-बेटे पर है, कब दोनों संसद में साथ नजर आते हैं.
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पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान (चाचा-भतीजा)
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष राम विलास पासवान इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़े, लेकिन उनकी जगह उनके भाई पशुपति कुमार पारस ने हाजीपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की. जबकि राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान एक बार जमुई से जीतने में कामयाब रहे. यानी लोकसभा में पिछली बार पिता-पुत्र नजर आए थे लेकिन इस बार चाचा-भतीजा साथ नजर आने वाले हैं.