मायावती का पर्स उनके व्यक्तित्व का अटूट हिस्सा है, यहां तक कि उनकी मूर्तियों में भी वह उनके साथ नजर आता है. यह एक फैशन ऐक्सेसरी से कहीं अधिक है. यह उनकी ताकत की अभिव्यक्ति, उनकी दृढ़ता का परिचायक और उस विशेषाधिकार का प्रतीक है, जो कभी केवल अभिजात्य वर्ग के लिए ही हुआ करता था.
बॉब कट बालों और हीरे की बालियों में सजी वे हर लिहाज से 'मेमसाब' दिखती हैं.
उनका लिबास, उनका अंदाज उस विशेषाधिकार पर अपने आधिपत्य को दर्शाता है जो उस वर्ग के लिए अकल्पनीय था जिसका वे प्रतिनिधित्व करती हैं. अपने परिधानों से वे अपने दलित प्रशंसकों के बीच सामूहिक गौरव के प्रतीक की तरह स्थापित हुई हैं.
मायावती का हैंडबैग इस बार के चुनाव अभियानों में नदारद है. 63 वर्षीया बसपा सुप्रीमो का गुलाबी रंग या मर्दाना घडिय़ों के प्रति प्यार अब भी बना हुआ है. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 8 अप्रैल को हुई एक चुनावी रैली में वे गुलाबी रंग की सलवार-कमीज में दिखीं.
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Okay