सोशल मीडिया पर प्रेरक वाक्य के साथ एक पोस्ट वायरल हो रही है कि पहले साल में कोका-कोला की सिर्फ 25 बोतलें बिकी थीं. फेसबुक पेज “Flatmates Africa ” ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, “जब भी बुरा महसूस करें तो याद करें कि कोका-कोला ने पहले साल सिर्फ 25 बोतलें बेची थीं. कभी हार मत मानो!”
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा गलत है. कोका-कोला सबसे पहले गिलास में सर्व किया जाता था, न कि बोतल में. इसके अलावा, अटलांटा में इसके बाजार में आने के पहले साल इसकी औसत बिक्री प्रतिदिन 9 सर्विंग थी.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. यह पोस्ट फेसबुक के साथ साथ ट्विटर पर भी वायरल है.
क्या है सच
कोका-कोला की वेबसाइट “World of Coca-Cola ” के मुताबिक, पहली बार यह पेय-पदार्थ अटलांटा के एक फार्मासिस्ट डॉक्टर जॉन एस पेम्बर्टन ने 1886 में तैयार किया था. इस पेय-पदार्थ की पहली सर्विंग बोतल में नहीं, बल्कि गिलास में की गई थी, जिसकी कीमत 5 सेंट्स प्रति गिलास थी. यह वेबसाइट कोका-कोला कंपनी चलाती है.
जैसा कि वेबसाइट पर जिक्र किया गया है, “अटलांटा में इसकी शुरुआत के पहले साल इसकी औसत बिक्री 9 सर्विंग प्रति दिन थी. आज पूरी दुनिया में कोका-कोला की डेली सर्विंग का आंकड़ा एक अरब है.”
बोतल में कोका-कोला
वेबसाइट “World of Coca-Cola” के मुताबिक, 1894 में इस पेय-पदार्थ की एक जगह से दूसरी जगह आपूर्ति के लिए कंपनी ने इसे बोतल में बेचना शुरू किया. कोका-कोला कंपनी का कहना है कि “1894 में कोका-कोला की बढ़ती मांग के चलते कंपनी ने इसे एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के बारे में सोचा. जोसेफ बीडेनहार्न ने अपने मिसिसिपी सोडा फाउंटेन के पीछे बॉटलिंग मशीनरी लगाई और पहली बार कोका-कोला बोतल में आने लगा. इसके करीब पांच साल बाद बड़े पैमाने पर कोका-कोला की बॉटलिंग संभव हो पाई.”
इस तरह स्पष्ट है कि कोका-कोला ने अपने पहले साल में सिर्फ 25 बोतलें नहीं बेची थीं. वास्तव में शुरू में यह सिर्फ गिलास में सर्व किया जाता था.
जितने कौवे उतनी बड़ी झूठ
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