बैंगलोर के इंजीनियर नितेश कुमार जांगिड़ ने दुनिया की पहली ऐसी डिवाइस कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (CPAP) बनाई है जो बिजली के तमाम श्रोतों से चलती है. इसे एक रिचार्जेबल बैटरी, compressed gas और यहां तक कि मैनुअल एयर पंपिंग से चलाया जा सकता है. ये कम लागत की है इसलिए गरीबों की भी मददगार साबित हो रही है.
इस डिवाइस ने भारत के छोटे शहरों में कई नवजात शिशुओं की जान बचाई है. डिवाइस बनाने वाले नितेश को लंदन में 2019 Commonwealth Secretary-General's Innovation for Sustainable Development Award दिया गया है।
@CoeoLabs presenting "Saans" to Union Minister of Science & Technology @drharshvardhan @BIRAC_2012 @innaccel pic.twitter.com/YRVQ9vUbLJ
— Coeo Labs (@CoeoLabs) May 18, 2016
ब्रीदिंग सपोर्ट डिवाइस की तत्काल पहुंच की कमी के कारण श्वसन संकट सिंड्रोम से नवजातों मौतों को बचाने के लिए सांस डिवाइस का निर्माण किया. इसके लिए उन्हें कॉमनवेल्थ का यह सम्मान दिया गया. पिछले सप्ताह लंदन में आयोजित समारोह में प्रिंस हैरी ने उन्हें यूथ एंबेसडर के रूप में पुरस्कार दिया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि हमारा मिशन है कि मैं यह सुनिश्चित कर सकूं कि कोई भी बच्चा टेक्नोलॉजी की छोटी-सी भी कमी से न मरे.
(फोटो: प्रिंस हैरी के साथ नितेश)
नितेश ने इंडिया टुडे को बताया कि भारत जैसे देशों में, सार्वजनिक अस्पतालों में अनियमित बिजली की आपूर्ति और सीमित संसाधनों में भी इस डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकता है. इतना ही नहीं कोई भी, कहीं भी इस उपकरण का उपयोग कर सकता है और समय से पहले बच्चों को जरूरी सहायता प्रदान कर सकता है.
तीन माह से सरकारी स्कूलों में हो रही प्रयोग
मूल रूप से बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर नितेश एक मेडिकल डिवाइस कंपनी के Coeo Labs के को फाउंडर हैं. उनकी तैयार की गई डिवाइस सांस पिछले तीन महीनों से भारत के जिला अस्पतालों में है.
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