राजनीति में मतभेद होना चाहिए क्योंकि उससे समाधान निकलता है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए. ये बातें कहीं एजेंडा आजतक में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने. उन्होंने कहा कि अटल जी का उन्होंने हमेशा सम्मान किया है क्योंकि वो अच्छे इंसान थे.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे कहा कि मोदी और बाजपेयी की तुलना करना ठीक नहीं है. दोनों में कोई साम्यता नहीं है. उन्होंने कोई ऐसा पीएम नहीं देखा कि जिसने अपने सीएम को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी हो. उनकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती. बाजपेयी अच्छे इंसान थे. आज जिस तरह की राजनीति हो गई है उसमें अच्छे इंसान की जरूरत है न कि कूटनीतिज्ञ की.
प्रजातंत्र में मतभेद होते हैं. हम एकदूसरे का विरोध भी करते हैं लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए. राजदीप सरदेसाई ने उनसे उस तस्वीर के बारे में पूछा था जिसमें ज्योतिरादित्य एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ एक साथ जनता का अभिवादन करते देखे जा रहे हैं. ऐसी तस्वीर दिल्ली में क्यों नहीं दिखाई देती. मोदी और सोनिया एकसाथ क्यों नहीं बैठते, राहुल और मोदी में इस तरह की बात क्यों नहीं होती.
इस सवाल पर सिंधिया ने कहा कि हम मतभेद रखते हैं लेकिन मनभेद नहीं रखते. राहुल गांधी अगर मनभेद रखते तो संसद में मोदी का हाथ नहीं पकड़ते. सिंधिया ने कहा कि हम यह स्वीकार करते हैं कि हमारी जीत बहुत बड़ी नहीं है, हमें 114 सीटें मिली हैं. बीजेपी को एमपी में 109 सीटें मिली हैं. बीजेपी को कांग्रेस से 1 फीसदी ज्यादा वोट मिले हैं. यह लोकतंत्र है और वह सपा और बसपा के साथ ही बीजेपी विधायकों को भी बधाई देते हैं. उनका कहना था कि अब चुनाव हो चुके हैं. हमारे किसी से मनभेद नहीं है. सभी को साथ लेकर ही प्रदेश को आगे ले जाना है.
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